विषय-सूची
- रवींद्रनाथ टैगोर कौन थे? (Who was Rabindranath Tagore in Hindi)
- रवींद्रनाथ टैगोर/ठाकुर का जीवन परिचय (Rabindranath Thakur Biography in Hindi)
- रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कब और कहां हुआ था?
- रवींद्रनाथ टैगोर की शिक्षा (Rabindranath Tagore Education in Hindi)
- रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाएँ (Rabindranath Tagore Composition in Hindi)
- रवींद्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार (Rabindranath Tagore Thought in Hindi)
- निष्कर्ष (Conclusion)
रवींद्रनाथ टैगोर कौन थे? (Who was Rabindranath Tagore in Hindi)
आज का इस पोस्ट में “रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी (Rabindranath Tagore Biography in Hindi)” के बारे में विस्तार पूर्ण जानने वाले हैं। रवींद्रनाथ टैगोर अपने आप में एक बड़ा नाम है।
वह ऐसी अद्भुत प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, जिनका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है। जिनके बारे में, कुछ भी लिखने के लिए, शब्द कम पड़ जाएंगे।
“रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी (Rabindranath Thakur ki Jivani in Hindi)” से, कोई भी व्यक्ति प्रेरित हो सकता है। वह उन दुर्लभ लेखकों (साहित्यकारों) में से एक हैं जो आसानी से हर जगह नहीं पाए जाते हैं।
‘रवींद्रनाथ टैगोर निबंध (Rabindranath Tagore Essay in Hindi)‘ ऐसे महापुरुष कई युगों के बाद जन्म लेते है। जो इस दुनिया वालों को बहुत कुछ सिखा कर और प्रेरित कर के जाते है। रवींद्रनाथ टैगोर जैसे लोग कभी मरते नहीं है, ये अमर हो जाते है।
रवींद्रनाथ टैगोर उपन्यासकार (Novelist), नाटककार (Playwright), चित्रकार (Painter) और कविगुरु कहलाते है। रवींद्रनाथ टैगोर बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि (Intelligent Mind) के थे।
‘Rabindranath Tagore Biography in Hindi’ वह बचपन से ही देश और विदेशी साहित्य दर्शन, संस्कृति आदि को अपने भीतर निहित (Contained) कर लिये थे।
वह नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय थे। उनकी रचनाओं को दो देशों ने अपना राष्ट्रगान बनाया, पहला भारत देश और दूसरा बांग्लादेश है।
रवींद्रनाथ टैगोर/ठाकुर का जीवन परिचय (Rabindranath Thakur Biography in Hindi)
जन्म | 7 मई 1861 |
माता और पिता का नाम | श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर और श्रीमति शारदा देवी |
जन्मस्थान | कोलकाता के जोड़ासाकों की ठाकुरबाड़ी |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भाषा | बंगाली, इंग्लिश |
उपाधि | लेखक और चित्रकार |
प्रमुख रचनाएँ | गीतांजलि |
पुरुस्कार | नोबोल पुरुस्कार |
म्रत्यु | 7 अगस्त 1941 |
‘Rabindranath Tagore in Hindi’ रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम ‘देवेन्द्रनाथ टैगोर’ है। देवेन्द्रनाथ टैगोर ब्रह्म समाज के एक नेता थे। जो उन्नीसवीं सदी के समय, बंगाल में एक नया धार्मिक संप्रदाय को जन्म दिया था।
जिसने हिंदू धर्म के अंतिम अद्वैतवादी (Monotheistic) आधार को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया था। देवेन्द्रनाथ टैगोर के तेरह बच्चे थे। जिसमें रवींद्रनाथ टैगोर सबसे छोटे पुत्र थे। बचपन में उन्हें प्यार से ‘रबी’ बुलाया जाता था।
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कब और कहां हुआ था?
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासाकों की ठाकुरबाड़ी में हुआ था। रवींद्रनाथ अपने माता-पिता की तेरहवीं संतान थे। बचपन में उन्हें प्यार से ‘रबी’ बुलाया जाता था।
8 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता लिखे थे। 16 साल की उम्र में उन्होंने कहानियां और नाटक लिखना प्रारंभ कर दिया था। टैगोर परिवार कोलकाता के प्रसिद्ध और समृद्ध बंगाली परिवार मे से एक था।
जिसके मुखिया देवेन्द्रनाथ टैगोर थे। वह बहुत ही सुलझे हुए और सामाजिक जीवन जीने वाले व्यक्ति थे। उनकी पत्नी शारदा देवी, बहुत ही सीधी और घरेलू महिला थी।
रवींद्रनाथ टैगोर की शिक्षा (Rabindranath Tagore Education in Hindi)
‘Rabindranath Tagore in Hindi’ रवींद्रनाथ टैगोर का स्कूली अनुभव एक बुरे सपने जैसा था। जिसके कारण उन्होंने भविष्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए। कुछ महीनों के लिए, उन्होंने कलकत्ता में “ओरिएंटल सेमिनरी (Oriental Seminary)” में अध्ययन किया, लेकिन उन्हें यहां का माहौल पसंद नहीं आया।
इसके बाद, उनका नॉर्मल स्कूल में भर्ती कराया गया। यहां उनका अनुभव अधिक कड़वा था। बाद में कोलकाता के ‘सेंट जेवियर (St. Xavier)’ नामक स्कूल मे दाखिला हुई।
स्कूली जीवन के इन कड़वे अनुभवों को याद करते हुए, उन्होंने बाद में लिखा कि “जब मुझे स्कूल भेजा गया था, तो मुझे लगा कि मेरी अपनी दुनिया मुझसे दूर हो गई है।”
‘Rabindranath Tagore ka Jeevan Parichay’ इस प्रकार रवीन्द्रनाथ को औपचारिक विद्यालयी शिक्षा नाम मात्र की मिली। लेकिन घर पर उन्होंने संस्कृत, बंगला, अंग्रेजी, संगीत, चित्रकला आदि की श्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त की। इनके पिता रवींद्रनाथ टैगोर को बैरिस्टर बनाना चाहते थे। लेकिन रवींद्रनाथ टैगोर की रूचि साहित्य मे थी।
1878 मे बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए वह लंदन गये। लेकिन बैरिस्टर की पढ़ाई मे रूचि न होने के कारण 1880 मे वे बिना डिग्री लिये ही वापस आ गये। 1881 में फिर से, वह कानून का अध्ययन करने के विचार से विदेश गए। लेकिन वहाँ पहुँचने के बाद, उन्होंने कानून का अध्ययन करने का विचार छोड़ दिया, और वे घर लौट आए।
इस प्रकार उन्होंने औपचारिक शिक्षा तो प्राप्त नही की, पर पूर्व और पश्चिम की संस्कृतियों का उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला। दोनों ही संस्कृतियों का सर्वश्रेष्ठ तत्व गुरूदेव के व्यक्त्वि का हिस्सा बन गया।
“Rabindranath Tagore Jivani” 1901 में बोलपुर के समीप रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ब्रह्मचर्य आश्रम के नाम से एक विद्यालय की स्थापना की, जिसे बाद में “शान्तिनिकेतन” के नाम से पुकारा गया। तत्पश्चात उन्होंने अपने को पूर्णतः शिक्षा साहित्य एवं समाज की सेवा में अर्पित कर दिया।
रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाएँ (Rabindranath Tagore Composition in Hindi)
बचपन से ही उनकी कविता (Poetry), छन्द (Verse) और भाषा (Language) में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और सन् 1877 में केवल 16 साल की उम्र में उनकी प्रथम लघुकथा (Short Story) प्रकाशित हुई थी।
भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले युगदृष्टा टैगोर ही है। मनुष्य और ईश्वर के बीच जो चिरस्थायी सम्पर्क है, उनकी रचनाओं के अन्दर वह अलग-अलग रूपों में उभर आता है।
साहित्य की शायद ही ऐसी कोई शाखा हो, जिनमें उनकी रचना न हो – कविता (Poem), गान (Anthem), कथा (Story), उपन्यास (Novel), नाटक (Drama), प्रबन्ध (Management), शिल्पकला (Art of The Craft) – सभी विधाओं में उन्होंने रचना की हैं।
उपन्यासों की रचनाएँ
उपन्यास | रचनाकाल |
बौ-ठाकुराणीर हाट | 1883 |
राजर्षि | 1887 |
योगायोग | 1929 |
शेषेर कविता | 1929 |
मालंच | 1934 |
कविताओं की रचनाएँ
कविता | रचनाकाल |
सोनार तरी | 1894 |
गीतांजलि | 1910 |
चित्रा | 1896 |
पूरबी | 1925 |
क्षणिका | 1900 |
गीतिनाट्य, नाटक, नृत्यनाट्य की रचनाएँ
गीतिनाट्य, नाटक, नृत्यनाट्य | रचनाकाल |
प्रकृतिर प्रतिशोध | 1884 |
राजा ओ राणी | 1889 |
नटीर पूजा | 1926 |
डाकघर | 1912 |
तासेर देश | 1933 |
रवींद्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार (Rabindranath Tagore Thought in Hindi)
Quote 1- एक कलाकार प्रकृति का प्रेमी होता है, वो उसका दास भी होता है और स्वामी भी।
Quote 2- कला क्या है? यह इंसान की रचनात्मक आत्मा की यथार्थ के पुकार के प्रति प्रतिक्रिया है।
Quote 3- आवश्यकता समाप्त होने के बाद जो वस्तु अवशिष्ट रह जाती है वही सौंदर्य है जो हमें प्राप्ति के रूप में मिलता है।
Quote 4- यह केवल सुबह नहीं है और न हीं इसे कल के नाम के साथ खारिज करो। इसे एक नवजात शिशु की तरह देखो जिसका अभी कोई नाम नहीं है।
Quote 5- प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता देता है।
Quote 6- हम दुनिया में तब जीते हैं जब हम उसे प्रेम करते हैं।
Quote 7- हर एक वो कठिनाई जिससे आप बचते हैं, भूत बनकर आपकी नींद में बाधा डालेगी।
Quote 8- सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते।
Quote 9- आयु सोचती है, जवानी करती है।
Quote 10- चेहरे बहुत होते हैं पर सच्चाई सिर्फ एक होती है।
इन्हें भी पढ़े –
- लक्ष्मी अग्रवाल का जीवन परिचय (Lakshmi Agarwal Biography in Hindi) – हिंदी में।
- तानाजी मालुसरे का जीवन परिचय (Tanaji Malusare Biography in Hindi)
- महात्मा गांधी का जीवन परिचय (Mahatma Gandhi Biography in Hindi)
- संचार क्या है? (What is Communication in Hindi) – जाने हिंदी में।
- जनसंचार का परिभाषा (Definition of Mass Communication in Hindi)
- CAB क्या है? (What is Citizenship Amendment Bill in Hindi) – हिंदी में जानिए।
- NRC क्या है? (NRC Kya Hai in Hindi) – पूरी जानकारी हिंदी में।
निष्कर्ष (Conclusion)
“रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी (Rabindranath Tagore Biography in Hindi)” वह एक प्रचण्ड राष्ट्रवादी थे और ब्रिटिश राज की निंदा करते हुए देश की स्वतंत्रता की मांग की। जलियांवाला बाग कांड के बाद, उन्होंने अंग्रेजों द्वारा दिए गए नाइटहुड (Knighthood) को त्याग दिया। भारत का राष्ट्र-गान रवींद्रनाथ टैगोर की ही की देन है। रवीन्द्रनाथ टैगोर की बाल्यकाल से कविताएं और कहानियाँ लिखने में रुचि थी।
रवीन्द्रनाथ टैगोर को प्रकृति से अगाध (Fathomless) प्रेम था। यह एक बांग्ला कवि (Bangla Poet), कहानीकार (Storyteller), गीतकार (Lyricist), संगीतकार (musician), नाटककार (Playwright), निबंधकार (Essayist), और चित्रकार (Painter) थे। भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर पर उन्हें आधुनिक भारत का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है।
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