दूरदर्शन (Doordarshan) का इतिहास क्या है?

दूरदर्शन का इतिहास (History of Doordarshan in Hindi)

आज हम जानेगे दूरदर्शन का इतिहास? (History of Doordarshan in Hindi)दूरदर्शन का आविष्कार किसने किया था? (Invention of Television in Hindi)दूरदर्शन का आविष्कार कब हुआ था? (When was the Invention of Doordarshan in Hindi)दूरदर्शन के शैक्षिक कार्यक्रम? (Doordarshan’s Educational Programs in Hindi)दूरदर्शन का इतिहास क्या है? (History of Doordarshan in Hindi)

इस पोस्ट में दूरदर्शन से सम्बन्धित कुछ ऐसे सवालों का जवाब देने जा रही हूं। मुझे पूर्ण विश्वाश हैं की आपको आपके सवालों का जवाब आवश्य मिल जायेंगे।

दूरदर्शन का इतिहास (History of Doordarshan in Hindi)

दूरदर्शन का इतिहास-

  • भारत में टेलीविजन की शुरुआत 15 सितम्बर 1959 ई० में हुआ।
  • आकाशवाणी भवन के एक हिस्से में छोटे से स्टूडियो का उद्घाटन हुआ।
  • और इस स्टूडियो का उद्घाटन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया।
  • दूरदर्शन के पहला निर्देशक ‘शैलेन्द्र शंकर’ थे।
  • इसका पहला ट्रांसमीटर 500 वाट का था।
  • यह बीस किमी. के दायरे में प्रसारण को सुनिश्चित कर सकता था।
  • 1960 में स्वतंत्रता-दिवश समारोह का सीधा प्रसारण दूरदर्शन से किया गया था।
  • शुरुआत में टी.वी. को खरीद कर देख पाना असम्भव था, क्योंकि टी.वी. महंगा था।
  • सामुदायिक सैटो से दिल्ली व आस-पास के क्षेत्रमें कार्यक्रम देखे जाते थे।
  • ये सैट यूनेस्को के अनुदान से मिले थे।
  • 15 अगस्त, 1965 को आल इण्डिया रेडियो का एक बडा हॉल टेलीविजन की स्टूडियो में बदल गया।
  • कार्यक्रम निर्माण व प्रसारण की गुणवत्ता को सुधार गया।
  • समाज, संस्कृति, शिक्षा, समाचार ये सभी को जोड़ा गया।
  • 26 जनवरी, 1967 को इंदिरा गाँधी ने कृषि दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत की।
  • 2 अक्टूबर, 1972 को बम्बई में व 26 जनवरी, 1973 को श्रीनगर में दूरदर्शन केंद्र शुरू हुआ।
  • 29 सितम्बर, 1973 को अमृतसर केंद्र शुरू हुआ।
  • 27 अप्रेल, 1975 में जालंधर केंद्र स्थापित हुआ।
  • 9 अगस्त, 1975 को कलकाता केंद्र में स्थापित हुआ।
  • 14 अगस्त, 1975 को मद्रास केंद्र और 1975 में ही लखनऊ केंद्र शुरू हुआ।
  • अप्रेल 1976 में दूरदर्शन रेडियो से स्वतंत्र रूप से अपना अलग महानिधेशालय बना।
  • वर्तमान में दूरदर्शन भारत की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा विश्व के सबसे बड़े स्थलीय प्रसारण संगठन में से एक हैं।
  • आज दूरदर्शन का प्रमुख चैनल डी.डी. 1 है।
  • आज यह 87% से ज्यादा आबादी तक अपना कार्यक्रम पहुचता हैं।
  • दूरदर्शन ने देश के 49 शहरों में कार्यक्रम उत्पादन सुविधाएं स्थापित की।
  • 1982 में दिल्ली व अन्य ट्रांसमीटर के बीच उपग्रह द्वारा नियमित सम्पर्क के साथ ‘राष्ट्रीय प्रसरण’ की शुरुआत हुई।
  • साथ ही दूरदर्शन ने 1982 में ही रंगीन प्रसारण की शुरुआत की।
  • 1992 से टेलीविजन सुविधाओं में निरंतर विकाश हो रहा हैं।
  • दूरदर्शन ने तीन स्तरों वाली बुनियादी सेवा चलाई गई।
  • और वो सेवा, “राष्ट्रीय, प्रादेशिक व स्थानीय” स्तर पर कार्य करती हैं।
  • राष्ट्रीय कार्यक्रम में उन घटनाओ, मुद्दों और समाचारों पर बल दिया जाता हैं।

सैटेलाइट टेलीविजन चैनल्स एवं केबल प्रसारण (Satellite Television Channels in Hindi)

सेटेलाइट चैनल्स व केबल टेलीविजन ये दोनों एक दुसरे का पर्याय हैं। आज समूचे संसार में सूचना क्रांति अपने चरम पर हैं। टी.वी. भी इससे अछूता नहीं हैं। दुनिया भर के सैकड़ो चैनल आज सेटेलाइट चैनल्स व केबल के माध्यम से उपलब्ध हैं। सेटेलाइट चैनल्स में तकनीकी पक्ष यह हैं की विभिन्न्स चैनल्स जैसे- जी टी.वी., स्टार प्लस, सोनी, सहारा, डिस्कवरी आदि के कार्यक्रम उनके प्रसारण-स्टूडियो से एक निश्चित फ्रिकेवेसी पर निश्चित उपग्रह व उसके ट्रांसपोंडर के माध्यम से प्रसारित किए जाते हैं।

सेटेलाइट-प्रसारणों के लिए लाइसेन्स शुदा केबल ऑपरेटर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उपकरण व  संचार व्यवस्था के तकनीकी व मशीनी उपकरण स्थापित करता हैं। इससे मूलतः एक डिस्क व विभिन्न चेलस हेतु ट्रांसपोंडर होते हैं। हर एक चैनल अपनी निर्धारित स्थिति, फ्रिक्वेसी (frequency) ट्रांसपोंडर के जरिये केबल आपरेटर को प्राप्त होता हैं।वह इन सिगनलों को प्राप्त करके उन्हें अपने यहां से ऑप्टिकल फाइबार केबल या अन्य प्रकार की केबल से उपभोक्ता के घर तक पहुचता है।

पूरी प्रक्रिया के लिए बिजली वितरण की तारों की व्यवस्था की तरह घर-घर कनेक्शन किया जाता हैं। उपभोक्ता केबल को अपने टी. वी. सेट से जोड़कर मनचाहा कार्यक्रम को चैनल बदलकर प्राप्त कर सकते हैं।केबल आपरेटर उपलब्ध कराये जा रहे चैनल्स का बिल उपभोक्ता से लेता हैं। वर्तमान में मनोरंजन, सुचना, समाचार, फैशन, खेल आदि के सैकड़ो चैनल्स बाजार में हैं। सैकड़ों केबल ऑपरेटर अपने-अपने क्षेत्र केबल जाल को फैला रहे हैं और अनगिनत टी.वी. उपभोक्ता इनसे जुड़े हुए हैं।

सेटेलाइट व केबल टेलीविजन का प्रभाव (Effect of Satellite and Cable Television in Hindi)

  • उपभोक्ताओं को एक विशाल योजना उपलब्ध कराया हैं।
  • आज संसार भर की दृश्य-श्रव्य(audio-visual) सामग्री टेलीविजन चैनल्स पर परोसी जा रही है।
  • खेल से राजनितिक तक और समाचार से मनोरंजन तक हर पहलु को ये दिखाते हैं।
  • लोगों को घर बैठे ही है फिल्ड की जानकारी देखने को मिल जाती हैं।
  • दर्शक देश के साथ-साथ विदेशी चैनल्स नही देखते हैं।
  • डिस्कवरी, अंग्रेजी फिल्म आदि।
  • समाज में हो रही हर सकारात्मक नकारात्मक जतिविधियों को टी.वी. के माध्यम से लोगो को जागरूक करा रहा है।
  • चाहे वह क्राइम स्टोरीज हो, शिक्षा प्रद हो।

दूरदर्शन के शैक्षिक कार्यक्रम? (Doordarshan’s Educational Programs in Hindi)

  • शैक्षिक कार्यक्रम विभिन्न स्तरों पर होते हैं। इसमें अल्पशिक्षित लोगों के लिए प्रथ्मिल स्वस्थ शिक्षा तक के कार्यक्रम सम्मिलित होते हैं।
  • भारत में पहली स्कूल टेलीविजन सेवा 1916 में दिल्ली नगर निगम से शुरू की गई।
  • स्कूली बच्चों के लिए शैक्षिक टेलीविजन कार्यक्रम अनेक  क्षेत्रीय केन्द्रों से प्रसारित किये जाते हैं।
  • ये विभिन्न भाषाओँ में औपचारिक व अनौपचारिक दोनों तरह की शिक्षा के लिए प्रसारित किये जाते हैं
  • ये कार्यक्रम दिल्ली स्थित केंद्रीय शिक्षा तकनीकी संस्थान तथा विभिन्न राज्यों में स्थित प्रन्तिये शिक्षा तकनीकी संस्थानों द्वारा तैयार किये जाते हैं
  • दूर-दराज क्षेत्रों के भीतर स्तरीय शिक्षा को लेन के लिए विश्वविद्यालय कक्षा का पाठ प्रसारित करता हैं
  • इसके आलावा राष्ट्रीय नेटवर्क पर इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए भी पाठ्यक्रम पर आधारित कार्यक्रम प्रसारित किये जाते हैं
  • 26 जनवरी, 2000 को ‘ज्ञान दर्शन’ नाम से अलग स्वरूप में शैक्षिक चैनल की शुरुआत की गई थी
  • ग्रामीण भारत को उजाले की ओर ले जाने, सरकार की योजनाओ की जानकारी व  कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य अदि के बारे में जागरूकता फैलाई गई

इन्हें भी देखें –

Karuna Tiwari is an Indian journalist, author, and entrepreneur. She regularly writes useful content on this blog. If you like her articles then you can share this blog on social media with your friends. If you see something that doesn't look right, contact us!

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