विषय-सूची
- हिमा दास कौन है? (Hima Das Kaun Hai)
- हिमा दास की जीवनी (Hima Das ki Jivani in Hindi)
- हिमा दास का शिक्षा
- हिमा दास का रेसर बनने का सफर (Hima Das’s Journey to Become a Racer in Hindi)
- हिमा दास का लुक
- हिमा दास का करियर (Career of Hima Das in Hindi)
- हिमा दास का इंटरनेशनल करियर (International Career of Hima Das in Hindi)
- हिमा दास द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड (Record Made by Hima Das in Hindi)
- हिमा दास ने 21 दिनों में 6 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया!!!
- हिमा दास का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- हिमा दास पर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQs on Hima Das in Hindi)
- निष्कर्ष (Conclusion)
हिमा दास कौन है? (Hima Das Kaun Hai)
इस पोस्ट में “हिमा दास का जीवन परिचय (Hima Das Biography in Hindi)” को जानेगें। आज पूरे भारत को अपनी होनहार बेटी ‘हिमा दास’ पर गर्व है। जिन्होंने 200 देशों के खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए सिर्फ 21 दिनों में 6 स्वर्ण पदक जीती हैं।
“हिमा दास की जीवनी” एक ऐसी कहानी है। जिसे पढ़ने के बाद लोगो को प्रेरणा (Inspiration) मिलेगी। बचपन से गरीबी से त्रस्त, हिमा ने नंगे पैर दौड़ना शुरू किया।
लेकिन वह दौड़ते समय अपने पैरों में कांटों और पत्थरों की परवाह किए बिना दौड़ती रही। आज भारत का नाम रोशन कर रही है।
हिमा दास भारत की एथलीट खिलाड़ी (Athlete Player) है। हिमा ने सिर्फ 18 साल की उम्र में ही आईएएएफ (IAAF – International Association of Athletics Federations) अंडर 20 में एथेलिटक्स चैंपियनशिप में महिलाओ की 400 मीटर की रेस में पहला स्थापन प्राप्त करते हुए गोल्ड मेडल जीती थी।
ऐसा करने वाली वो पहली महिला खिलाड़ी बनीं। यहीं से हिमा दास की सफलता का रास्ता खुलाता गया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखी।
हिमा दास विश्व स्तर पर ट्रैक कॉम्पिटिशन (Track Competition) में गोल्ड मेडल (Gold Medal)जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी है। इससे पहले भारत के किसी महिला या पुरुष खिलाड़ी ने जूनियर या सीनियर, किसी भी स्तर पर विश्व चैंपियनशिप (World Championships)में गोल्ड मेडल नहीं जीता है। और तो और ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से मशहूर “मिल्खा सिंह” और “पीटी उषा” ने भी ये कमाल नहीं किया था। इस लिहाज से अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक पर भारत की ये ऐतिहासिक जीत है। हिमा दास ने सेमीफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने सेमीफाइनल में 52.10 सेकेंड में दौड़ पूरी कर पहला स्थान हासिल किया था।
हिमा दास की जीवनी (Hima Das ki Jivani in Hindi)
नाम (Name) | हिमा दास |
निक नेम (Nick Name) | ढिंग एक्सप्रेस, मोन जय और गोल्डन गर्ल |
जन्मदिन (Birthday) | 9 जनवरी, साल 2000 |
जन्म स्थान (Birth Place) | ढिंग, नगाँव, असम |
नागरिकता (Citizenship) | भारतीय |
गृह नगर (Hometown) | असम |
रिकॉर्ड (Record) | विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप (400 मीटर दौड़) जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला |
“हिमा दास का जन्म कब और कहाँ हुआ?” हिमा दास का जन्म 09 जनवरी 2000 को असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गाँव में हुआ था। हिमा दास के पिता का नाम ‘रणजीत दास’ है और माता का नाम ‘जोनाली दास’ है।
उनके माता पिता चावल की खेती करते हैं। ये कुल चार (4) भाई-बहन हैं। जो की हिमा दास सबसे छोटी हैं। हेमा दास ने अपने स्कूल के दिनों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलकर खेलों में रुचि शुरू की।
वह अपना कैरियर फुटबॉल में बनाना चाहती थी। वह अपने देश भारत के लिए खेलना चाहती थी। फिर जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया।
शमशुल हक़ ने उनकी पहचान नगाँव ‘स्पोर्ट्स एसोसिएशन’ के गौरी शंकर रॉय से कराई। फिर हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं और दो स्वर्ण पदक भी जीतीं।
जिला स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान ‘स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर’ के निपोन दास की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने हिमा दास के परिवार वालों को हिमा को गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया जो कि उनके गांव से 140 किलोमीटर दूर था। पहले मना करने के बाद हिमा दास के घर वाले मान गए।
हिमा दास का शिक्षा
हिमा दास ने अपनी पढाई अपने गाँव के ही एक छोटे से स्कूल से प्राप्त की। हिमा दास ने अपने स्कूली दिनों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलकर क्रिडाओंं मेंं अपनी रुचि की शुरुआत की थी।
वो अपना कैरियर फुटबॉल में देख रही थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं। इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय के पीटी टीचर शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया।
शमशुल हक़ ने उनकी पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। इसके बाद हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं और दो स्वर्ण पदक भी जीतीं।
हिमा दास का रेसर बनने का सफर (Hima Das’s Journey to Become a Racer in Hindi)
हिमा दास का बचपन से ही खेलों के प्रति झुकाव है और वह बचपन से ही कई तरह के खेल खेला करती थीं। ऐसा कहा जाता है कि हिमा दास अपने स्कूल के दिनों में लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं और इस दौरान उनका स्टैमिना काफी बढ़ गया था।
जिसके कारण वह दौड़ते हुए जल्दी नहीं थकती थी। हिमा दास को पहली बार जवाहर नवोदय विद्यालय के फिजिकल एजुकेशन के टीचर द्वारा रेसर बनने की सलाह दी गई थी।
जिसके बाद हिमा दास ने अपना ध्यान रेसिंग पर लगाना शुरू कर दिया और उन्होंने कई तरह की दौड़-संबंधित प्रतियोगिता में भाग लेना शुरू कर दिया। रनिंग ट्रैक की सुविधा मौजूद नहीं होने के चलते हिमा ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में रेसिंग की प्रक्टिस मिट्टी के फुटबॉल मैदान में की थी।
हिमा दास का लुक
रंग (Colour) | गेहुंआ |
लम्बाई (Height) | 5’ 5 फीट इन्च |
वजन (Weight) | 55 किलो |
बॉडी साइज (Body Measurements) | 32-36-34 |
आंखो का रंग (Eye Colour) | गहरा भूरा |
बालों का रंग (Hair Colour) | काला |
हिमा दास का करियर (Career of Hima Das in Hindi)
वर्ष 2017 में, खेल और युवा कल्याण निदेशालय (Directorate) द्वारा आयोजित अंतर जिला प्रतियोगिता (Inter-District Competition) के दौरान, हिमा की मुलाकात अपने कोच, निपुण दास से हुई थी।
इस प्रतियोगिता में, हिमा दास ने 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में भाग लिया और यह दौड़ हिमा दास ने सस्ते जूते पहनकर की थी। हिमा दास ने इन दोनों दौड़ में पहला स्थान हासिल किया था।
जिस गति से उन्होंने ये दौड़ लगाई थी। उसको देखकर सब हैरान हो गये थे। हिमा दास की दौड़ को देखकर, निपुण दास ने उसे प्रशिक्षित करने की इच्छा व्यक्त की और वह हिमा दास को अपने साथ गुवाहाटी ले आए।
हेमा का परिवार बहुत गरीब था, इसलिए हेमा को गुवाहाटी में प्रशिक्षित करने के दौरान उनके रहने का सारा खर्च उनके कोच दिया करते थे। शुरू शुरू में निपुण ने इन्हें 200 मीटर रेस के लिए तैयार किया था और जैसे जैसे इनका स्टैमिना बढ़ता गया। इन्होंने 200 मीटर की जगह 400 मीटर के ट्रेक पर दौड़ना शुरू कर दिया था।
हिमा दास का इंटरनेशनल करियर (International Career of Hima Das in Hindi)
- हिमा दास ने बैंकाक देश में आयोजित एशियन यूथ चैम्पियनशिप की 200 मीटर दौड़ में भाग लिया और सातवें स्थान पर दौड़ पूरी की।
- 18 वर्षीय हिमा दास ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भी भाग लिया था। हालांकि, वह इन खेलों में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और 400 मीटर के फाइनल में छठा स्थान प्राप्त की थी।
- कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद हिमा दास ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया था और कॉम्पिटिशन को जीत भी लिया था।
हिमा दास द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड (Record Made by Hima Das in Hindi)
वह विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप ट्रैक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उनसे पहले कोई भी भारतीय महिला IAAF वर्ल्ड अंडर – 20 चैंपियनशिप की 400 मीटर की दौड़ नहीं जीत पाई थी। उन्होंने 400 मीटर की इस दौड़ को सिर्फ 51.46 सेकंड में पूरा किया और पहले स्थान प्राप्त की।
हिमा दास ने 21 दिनों में 6 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया!!!
हिमा दास ने नॉवे मेस्टो सीजेच रिपब्लिक (Nove Mesto, Czech Republic) में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने इस दौड़ प्रतियोगिता में 52.09 सेकंड का समय लिया।
हालाँकि ये गति उनकी अब तक की बेस्ट स्पीड से कम है। 2 जुलाई 2019 से 22 जुलाई 2019 तक, हेमा ने यूरोप में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में 5 बार स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है।
पहली बार जुलाई में, हेमा ने 2 जुलाई को 23.65 सेकंड में 200 मीटर की दौड़ पूरी की और ‘पोलैंड में पॉज़्नान एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स’ (Poznan Athletics Grand Prix) में स्वर्ण पदक जीती थी।
इसके बाद, दूसरी बार 8 जुलाई को, उन्होंने पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स मीट में 23.97 सेकंड में 200 मीटर की दौड़ पूरी करके स्वर्ण पदक जीती थी।
फिर तीसरी बार 13 जुलाई को उन्होंने क्जेच रिपब्लिक में क्लाद्नो एथेलेटिक्स मीट (Kladno Athletics Meet in Czech Republic) में 23.43 सेकंड के साथ 200 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीती थी।
चौथी बार 17 जुलाई को टाबोर एथेलेटिक मीट (Tabor Atheletic Meet) में भी 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीती थी। पाचवां एशियन एथेलेटिक्स चैंपियनशिप के बाद हिमा का ये बेहतरीन प्रदर्शन हैं।
जिसमें हिमा 400 मीटर की रेस पूरी नहीं कर पायी थी, उसके बाद उन्होंने 400 मीटर की रेस में भाग लि और 52.09 सेकेंड में रेस पूरा कर स्वर्ण पदक जीती थी।
हिमा दास का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- 100 मीटर- 11.74 सेकेंड में,
- 200 मीटर- 23.10 सेकेंड में,
- 400 मीटर- 50.79 सेकेंड में तथा
- 4X400 मीटर रिले- 3:33.61 में।
हिमा दास पर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर (FAQs on Hima Das in Hindi)
प्रश्न- हिमा दास का जन्म कब हुआ?
उत्तर- हिमा दास का जन्म 09 जनवरी 2000 को हुआ था।
प्रश्न- हिमा दस कहाँ की रहने वाली है?
उत्तर- असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गाँव की रहने वाली है।
प्रश्न- हिमा दास के पिता का नाम क्या है?
उत्तर- हिमा दास के पिता का नाम ‘रणजीत दास’ है।
प्रश्न- हिमा दास की माँ का नाम क्या है?
उत्तर- हिमा दास की माता का नाम ‘जोनाली दास’ है।
प्रश्न-हिमा दास के कोच का क्या नाम है?
उत्तर- हिमा दास के कोच का नाम ‘निपोन दास’ है।
प्रश्न-हिमा दास ने कितने गोल्ड मेडल जीते है?
उत्तर- हिमा दास ने 6 गोल्ड मेडल जीती है।
प्रश्न- हिमा दास ने कौन सा रिकॉर्ड बनाया हैं?
उत्तर- विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप (400 मीटर दौड़ ) जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
प्रश्न- हिमा दास किस खेल से सम्बंधित है?
उत्तर- हिमा दास भारतीय धावक हैं।
इन्हें भी पढ़े –
- संचार क्या है? (What is Communication in Hindi) – जाने हिंदी में।
- फोटो पत्रकारिता (Photojournalism in Hindi) जानिए हिंदी में।
- विज्ञापन क्या है? (What is Advertising in Hindi) – जाने हिंदी में।
- बछेंद्री पाल का जीवन परिचय (Bachendri Pal Biography in Hindi) – हिंदी में।
- विराट कोहली का जीवन परिचय (Virat Kohli Biography in Hindi) – हिंदी में।
- वीर सावरकर का जीवन परिचय (Biography of Veer Savarkar in Hindi)
निष्कर्ष (Conclusion)
खेल की दुनिया में एथलीट हिमा दास ने चेक गणराज्य में आयोजित ट्रैक एंड फील्ड प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीती है। 21 दिन के अंदर छह स्वर्ण पदक जीतकर जो कारनामा हिमा ने कर दिखाया है, वह इतिहास बन गया है। हिमा दास ने IAAF वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हिमा ने 400 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता।
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